इस बार फूल वाली से प्यार कर बैठे ,
हम उनका प्रस्ताव स्वीकार कर बैठे।
वे फूल बेच रहे थे मुस्कुराकर इसलिए,
हम उनकी दुकान में उधार कर बैठे।।
देखा गया हर एक ख्वाब रंगीन होना चाहिए,
जिस बाग में हम रहें बेहतरीन होना चाहिए।
माना भंवरे का हर फूल पर मडराना गुनाह है,
पर तुम्हे अपने भंवरे पर यकीन होना चाहिए।।
बाग में फूलों को दीवाना बना रही हैं तितलियां ,
कुछ ही फूलों पर आशियाना बना रहीं हैं तितलियां।
खिलना तो चाहते हैं छोटे – छोटे फूल भी लेकिन ,
बड़े – बड़े फूलों को निशाना बना रही हैं तितलियां।।
मैं नदी का वह पानी बनना चाह रहा हूं ,
तुम्हारी गागर में समाना चाह रहा हूं ।
ये जो तुम्हारी लचकती पतली कमर है ,
उसे मैं छलक कर भिगाना चाह रहा हूं।।
~गुमनाम कवि
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