महज़ हादसा ही मानो इसको…
फिसल गए हम क्योंकि हाथ थामने को मौजूद तुम नहीं थे, महज़ हादसा ही मानो इसको, हम किसी के ख़्यालों […]
फिसल गए हम क्योंकि हाथ थामने को मौजूद तुम नहीं थे, महज़ हादसा ही मानो इसको, हम किसी के ख़्यालों […]
माना अभी पतझड़ है , दिन बहार के भी आएंगे । उम्मीद की कलियां खिलेंगी, सब चेहरे मुस्कुराएंगे।। ~
इस बार फूल वाली से प्यार कर बैठे , हम उनका प्रस्ताव स्वीकार कर बैठे। वे फूल बेच रहे थे